THE ULTIMATE GUIDE TO विश्व का इतिहास

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प्रश्न – कौनउत्तर – सा शासक पृथ्वीराज चौहान के नाम से प्रसिद्ध है?

महमूद के भारतीय आक्रमण का वास्तविक उद्देश्य धन की प्राप्ति था। वह एक मूर्तिभंजक आक्रमणकारी था। महमूद की सेना में सेवदंराय एवं तिलक जैसे हिन्दू उच्च पदों पर आसीन व्यक्ति थे। महमूद के भारत आक्रमण के समय उसके साथ प्रसिद्ध इतिहासविद्, गणितज्ञ, भूगोलावेत्ता, खगोल एवं दर्शन शास्त्र के ज्ञाता तथा ‘किताबुल हिन्द’ का लेखक अलबरूनी भारत आया। अलबरूनी महमूद का दरबारी कवि था। ‘तहकीक-ए-हिन्द’ पुस्तक में उसने भारत का विवरण लिखा है। इसके अतिरिक्त इतिहासकार ‘उतबी’, 'तारीख-ए-सुबुक्तगीन' का लेखक ‘बेहाकी’ भी उसके साथ आये। बेहाकी को इतिहासकार लेनपूल ने ‘पूर्वी पेप्स’ की उपाधि प्रदान की है। ‘शाहनामा’ का लेखक 'फ़िरदौसी’, फ़ारस का कवि जारी खुरासानी विद्धान तुसी, महान् शिक्षक और विद्वान् उन्सुरी, विद्वान् अस्जदी और फ़ारूखी आदि दरबारी कवि थे। भारत में तुर्क राज्य की स्थापना

उत्तर – जाटों के विद्रोह को दबाने के लिए

ईरान की इस्लामी क्रांति क्या थी? – कारण और परिणाम

हालाँकि महमूद गज़नवी पृथ्वीराज चौहान को हराकर वापस लौट गया था

हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के खंडहर इस समय के दौरान मौजूद उन्नत हथियार और वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए भव्य व्यापारिक शहरों के प्रमाण प्रदान करते हैं। सिंधु घाटी सभ्यता का अपनी संपत्ति को बनाए रखने और संरक्षित करने पर एक मजबूत ध्यान था, जैसा कि खुदाई के दौरान मिली अच्छी तरह से संरक्षित कलाकृतियों से पता चलता है।

ब्राह्मणावाद पर अधिकार के बाद कासिम आलोर पहुँचा। प्रारम्भ में आलोर के निवासियों ने कासिम का सामना किया, किन्तु अन्त में विवश होकर आत्मसमर्पण कर दिया। मुल्तान विजय

स्थायी बंदोबस्त किससे संबंधित है? उत्तर– वेलेजली

मध्यकालीन भारत में हुई प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

सिंधु घाटी सभ्यता शिल्प तथा उद्योग धन्धे

पुनर्जागरण एक फ्रेंच शब्द (रेनेसी) है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘फिर से जागना’ इसे ‘नया जन्म अथवा ‘पुनर्जन्म’ भी कह सकते हैं। परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से इसे मानव समाज की बौद्धिक चेतना और तर्कशक्ति का पुनर्जन्म कहना ज्यादा उचित होगा। प्राचीन यूनान और रोमन युग में यूरोप में सांस्कृतिक मूल्यों का उत्कर्ष हुआ था। परन्तु मध्यकाल में यूरोपवासियों पर चर्च तथा सामान्तों का इतना अधिक प्रभाव बढ़ गया था कि लोगों की स्वतंत्र चिन्तन-शक्ति तथा बौद्धिक चेतना ही लुप्त हो गई। लैटिन तथा यूनानी भाषाओं को लगभग भुला दिया गया। शिक्षा का प्रसार रुक गया था। परिणामस्वरूप सम्पूर्ण यूरोप सदियों तक गहन अन्धकार में दबा रहा। ईश्वर चर्च और धर्म मे के प्रति यूरोपवासियों की आस्था चरम बिन्दु पर पहुँच गई थी। धर्मशास्त्रों में जो कुछ सच्चा झूठा लिखा हुआ अथवा चर्च के प्रतिनिधि जो कुछ बतलाते थे, उसे पूर्ण सत्य मानना पड़ता था। विरोध करने पर मृत्युदण्ड दिया जाता था। इस प्रकार लोगों के जीवन पर चर्च का जबरदस्त प्रभाव कायम था। चर्च धर्मग्रन्थ के स्वतन्त्र चिन्तन और बौद्धिक विश्लेषण का विरोधी था। सामाजिक तथा आर्थिक क्षेत्र में भी चर्च और सामन्त website व्यवस्था लोगों को जकड़े हुए थी। किसान लोग सामन्त की स्वीकृति के बिना मेनर (जागीर) छोड़कर नहीं जा सकते थे।

ऐसा वायसराय जिसे “भारत का रक्षक तथा विजय का संचालक” कहा जाता है !

प्रश्न – तराइन के प्रथम युद्ध में मुहम्मद गोरी को किसने हराया ?

प्रश्न – बख्तियार खिलजी कैसे मारा गया ?

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